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एन.सी.ई.आर.टी. को आधार बनाकर देश में अनेक पुस्तकें छपी हैं। .... Read More
एन.सी.ई.आर.टी. को आधार बनाकर देश में अनेक पुस्तकें छपी हैं। लेकिन हम लोगों की इस दिशा में पहल सर्वथा भिन्न है। अपने लंबे अनुभव के आधार पर मैंने भी इस दिशा में कुछ करने का साहस जुटाया है। मैंने अपने विद्यार्थी जीवन में ही छात्रों में एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों के प्रति एक ललक का एहसास किया है। अपने अध्ययन के दौरान देखता था कि दिल्ली विश्वविद्यालय में आई.ए.एस. एवं पी.सी.एस. की तैयारी के दौरान छात्र एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों को लाल-पीले हाइलाइटरों से रंगते रहते थे, फिर रेखांकित वाक्यों को नोट बुक में लिखते थे। एक दिन मैं अपने एक मित्र से पूछा कि आप एम.ए. पास हैं फिर एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों (सामान्यत: दसवीं-बारहवीं) में क्या ढूँढ़ते हैं। उसका सीधा जवाब था भाई साहब, आई. ए.एस. बनने के लिए यह जरूरी है। वर्ष 1994 में मैं प्रतियोगिता सम्राट का संपादक बना और सौभाग्य से हमारे एक लेखक मित्र श्रीकृष्ण वत्स आई.ए.एस. की परीक्षा में 'टॉप' कर गए। उनसे साक्षात्कार के दौरान मैंने पूछा कि आपकी सफलता में एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों की क्या भूमिका रही है? छूटते ही उन्होंने कहा था- इसके बगैर अध्ययन अधूरा है। दिसम्बर 2002 में मैंन देश के दो प्रतिष्ठित विद्वान (आई.ए.एस. कोचिंग के मामले में) श्री अशोक सिंह (मेरेडियन कोर्सेज) एवं रवीन्द्रन (बाजीराव एंड रवि) से पूछा कि छात्रों को अपनी तैयारी कहां से शुरू करनी चाहिए। उन दोनों विद्वानों का सीधा जवाब था कि एन.सी.ई.आर.टी. (अपनी आवश्यकतानुसार) की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। कुल मिलाकर एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों के अध्ययन के पीछे निम्न तर्क दिए जाते हैं
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | अध्याय-1 प्राचीन भारतीय इतिहास का महत्व (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 3 |
2 | अध्याय 2 प्राचीन भारतीय इतिहास के आधुनिक लेखक (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 6 |
3 | अध्याय 3 स्रोतों के प्रकार और ऐतिहासिक निर्माण(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 15 |
4 | अध्याय 4: भौगोलिक ढांचा(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 6 |
5 | अध्याय 5 प्रस्तर-युग आदिम मानव(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 8 |
6 | अध्याय 6 : ताम्र पाषाण युग : कृषक संस्कृतियां (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 10 |
7 | अध्याय 7 हड़प्पा संस्कृति कांस्ययुगीन सभ्यता (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 24 |
8 | अध्याय 8 आयों का आगमन और ऋग्वेद युग (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 15 |
9 | अध्याय 9 : उत्तर वैदिक अवस्था राज्य और सामाजिक व्यवस्था की ओर संक्रमण (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 13 |
10 | अध्याय 10 जैन और बौद्ध धर्म(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 16 |
11 | अध्याय 11 जनपद, राज्य और प्रथम मगध साम्राज्य (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 12 |
12 | अध्याय 12 बंधुत्व, जाति तथा वर्ग आरंभिक समाज एवं सांस्कृतिक विकास (लगभग 600 ई. पूसे 600 ईसवी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 10 |
13 | अध्याय 13 ईरानी और मकदूनियाई आक्रमण (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 5 |
14 | अध्याय 14 बुद्धकालीन राज्य और वर्ण समाज (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 8 |
15 | अध्याय 15 मौर्य युग (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 9 |
16 | अध्याय 16 मौर्य शासन का महत्व(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 9 |
17 | अध्याय 17 मध्य एशिया से सम्पर्क और उनके परिणाम (वस्तुनिष्ठ प्रश्न ) | 12 |
18 | अध्याय 18 सातवाहन युग (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 8 |
19 | अध्याय 19 सुदूर दक्षिण में इतिहास का आरंभ(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 11 |
20 | अध्याय 20 मौर्योत्तर युग में शिल्प, व्यापार और नगर (वस्तुनिष्ठ प्रश्न ) | 8 |
21 | अध्याय 21 गुप्त साम्राज्य का उद्भव और विकास (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 7 |
22 | अध्याय 22 गुप्त काल का जीवन (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 14 |
23 | अध्याय 23 पूर्वी भारत में सभ्यता का प्रसार(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 6 |
24 | अध्याय 24 हर्ष और उसका काल(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 6 |
25 | अध्याय 25 प्रायद्वीप में नए राज्यों का गठन और ग्राम-विस्तार (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 10 |
26 | अध्याय 26 दर्शन का विकास(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 5 |
27 | अध्याय 27 : भारत का एशियाई देशों से सांस्कृतिक सम्पर्क (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 5 |
28 | अध्याय 28 प्राचीन काल का रूपांतरण(वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 7 |
29 | अध्याय 29 सामाजिक परिवर्तनों का अनुक्रम (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 5 |
30 | अध्याय 30 विज्ञान और सभ्यता की विरासत (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) | 5 |