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अज्ञेय के विशद कृतित्व पद एक ही पुस्तक में अब तक नहीं लिखा .... Read More
अज्ञेय के विशद कृतित्व पद एक ही पुस्तक में अब तक नहीं लिखा गयाअज्ञेय जितने बड़े कवि हैं उतने ही बड़े उपन्यासकार, उससे भी बड़े आलोचक, उल्लेखनीय निबन्धकार तथा कहानीकार भी हैं। अनेक साहित्यिक विधाओं का सृजनात्मक संयोजन अज्ञेय के कृतित्व में हैअज्ञेय के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के सिंहावलोकन का मेरा यह प्रयास है।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | प्रथम अध्याय- अज्ञेय परिचय खंड | 18 |
2 | द्वितीय अध्याय- उपन्यासकार अज्ञेय | 20 |
3 | तृतीय अध्याय- अज्ञेय चिंता और चिंतन | 14 |
4 | चतुर्थ अध्याय- कहानीकार अज्ञेय | 76 |
5 | पंचम अध्याय- प्रयोगवाद और अज्ञेय | 66 |
6 | षष्ठम अध्याय- असाध्यवीणा | 66 |