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BHARTIYE GYAN PRAMPRA : PARYAVARAN DARSHAN
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BHARTIYE GYAN PRAMPRA : PARYAVARAN DARSHAN

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Author(s): ( JAGRAM SINGH )

Publisher: ( Pragati Prakashan )

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  • Books Details

    BHARTIYE GYAN PRAMPRA : PARYAVARAN DARSHAN

    भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि, उनका वास हर पेड़-पौधे में है, इसलिए तो हमारी भारतीय संस्कृति ‘वृक्ष में वासुदेव’ की भावना को स्वीकार करती है और एक पौधे को अपने बच्चे जैसा प्यार और सम्मान देती है। पेड़ हमें छांव भी देते हैं, फल-फूल भी देते हैं, शुद्ध हवा और ऑक्सीजन भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा पेड़ बाहरी वातावरण के असर से हमें बचाता है, पीने का पानी स्वच्छ करता है एवं विविध प्रकार की औषधि देकर हमारा जीवन भी सुरक्षित करता है। इसलिए हर आँगन में, हर गली में, हर रास्ते पर, हर गाँव में और हर शहर में ज्यादा से ज्यादा पेड़ोें का होना अत्यंत जरुरी है।

    ( JAGRAM SINGH )

    Category: General,Story Book
    ISBN: paryavaran-xxc-xxx-xx
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 भारतीय ज्ञान परंपरा : पर्यावरण दर्शन 1
    2 1. वेद एवं उपनिषद और पर्यावरण चेतना 13
    3 2. श्री रामायण एवं श्री रामचरित मानस और पर्यावरण चेतना 8
    4 3. महाभारत में पर्यावरण चेतना 4
    5 4. बौद्ध धर्म में पर्यावरण चेतना 7
    6 5. जैन धर्म में पर्यावरण चेतना 13
    7 6. सिक्ख धर्म में पर्यावरण चेतना 8
    8 7. धर्म ग्रंथों में पर्यावरण 10
    9 8. महाकवि कालिदास और पर्यावरण चेतना 4
    10 9. संत कबीरदास और पर्यावरण चेतना 4
    11 10. रविंद्रनाथ टैगोर और पर्यावरण चेतना 4
    12 11. महात्मा गाँधी और पर्यावरण चेतना 5
    13 12. सिंहावलोकन 5
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