0 Ratings
0 Reviews
246 Views
लोक प्रशासन के सिद्धांतों से संबंधित साहित्य की मांग बड़ .... Read More
लोक प्रशासन के सिद्धांतों से संबंधित साहित्य की मांग बड़ी तेजी से बढ़ रही है क्योंकि लोक प्रशासन का दैनदिन जीवन में बहुत तीव्रता से विस्तार हो रहा है। हालांकि प्रशासनिक विचारों के कई पहलुओं को हमारे यहां विस्तार से विवेचन हुआ है, फिर भी इस मामले में कई कमजोरियां रह गई हैं। यह पुस्तक इन कमजोरियों को आंशिक रूप से दूर करती है। इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक क्षेत्र के विद्यार्थियों, शिक्षकों और व्यवहारकर्ताओं को प्रख्यात प्रशासनिक दार्शनिकों (विचारकों) के योगदान से परिचित कराना है।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | 1- प्रस्तावना | 24 |
2 | 2- कौटिल्य | 21 |
3 | 2- वुडरो विल्सन | 11 |
4 | 3- हेनरी फेयोल | 15 |
5 | 4- फ्रेडरिक डब्लू. टेलर | 13 |
6 | 5- मैक्स वेबर | 18 |
7 | 6- लूथर गुलिक और लिंडाल उर्विक | 21 |
8 | 7- मेरी पार्कर फॉले | 17 |
9 | 8- जॉर्ज एल्टन मेयो | 16 |
10 | 9- चेस्टर आई. बर्नार्ड | 16 |
11 | 10- हर्बर्ट ए. साइमन | 16 |
12 | 11- अब्राहम मास्लो | 12 |
13 | 12- डगलस मैकग्रिगोर | 14 |
14 | 13- क्रिस अर्गिरिस | 17 |
15 | 14- फ्रेडरिक हर्जबर्ग | 17 |
16 | 15- रेसिस लिकर्ट | 18 |
17 | 16- फ्रेड. डब्ल्यू. रिग्स | 28 |
18 | 17- येहज्कल द्रोर | 17 |
19 | 18- कार्ल मार्क्स | 17 |