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दूरसंचार
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दूरसंचार

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Author(s): ( संतोष शुक्ला )

Publisher: ( AISECT Publication, Bhopal )

किन्हीं भी दो या दो से अधिक स्थानों के मध्य किसी भी प्रकार .... Read More

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    दूरसंचार

    किन्हीं भी दो या दो से अधिक स्थानों के मध्य किसी भी प्रकार के संदेश प्रेषण को हम संचार कहते हैं। संचार सुचारू रूप से किया जा सके इसके लिए यदि कोई व्यवस्था की गई हो तब उसे संचार व्यवस्था कहा जाता है। संचार मनुष्य से मनुष्य तक हो सकता है, पशुओं के मध्य हो सकता है। पशुओं व मनुष्यों के मध्य हो सकता है। मनुष्यों व मशीनों के मध्य हो सकता है। पशुओं व मशीनों के मध्य हो सकता है। मशीनों व मशीनों के मध्य हो सकता है। कहने का तात्पर्य यही है कि संचार अनेक प्रकार से संभव है। संचार के अंतर्गत एक स्थान पर स्थित मनुष्य, पशु या मशीन द्वारा संदेश प्रेषित किया जाता है तथा दूसरे स्थान पर स्थित मनुष्य, पशु या मशीन द्वारा उस संदेश को ग्रहण किया जाता है। मनुष्यों के मध्य होने वाले संचार से हम सभी परिचित हैं तथा इसके बारे में आगे विस्तार से बताया जायेगा। यहाँ थोड़ी चर्चा अन्य प्रकार के संचार के बारे में कर लेते हैं। पशुओं के मध्य संचार होते हुए हममें से बहुत से लोगों ने देखा होगा। यदि आस-पास कोई साँप इत्यादि जानवर हो तब चिड़ियाएं, एक अलग प्रकार से आवाज निकाल कर, साथी चिड़ियों को संदेश देती हैं। शेर जोर से दहाड़ लगाकर अपनी उपस्थिति का संदेश देता है, आदि-आदि। मनुष्य एवं पशुओं के मध्य संचार का सबसे सामान्य उदाहरण पालतू

    ( संतोष शुक्ला )

    Category: Higher Education,General
    ISBN: 978-81-908810-4-3
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 संचार एवं दूर संचार 14
    2 डाक सेवा 13
    3 Teligraf 7
    4 Telephone 15
    5 वायरलेस 15
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