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स्वास्थ्य का हमारे जीवन में व्यापक योगदान होता है। एक स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। स्वस्थ (सेहतमंद) होने पर जीवन के समस्त सुखों की संपूर्ण अनुभूति प्राप्त की जा सकती है इसलिए निरोगी काया के महत्व को सर्वोपरि माना जाता है। जन सामान्य के स्वास्थ्य से ही समाज और राष्ट्र का विकास सुनिश्चित होता है। अगर देश के नागरिक अस्वस्थ रहें तो वे राष्ट्रीय विकास में अपनी सामर्थ्यपूर्ण भागीदारी नहीं कर सकते। भारत में आज भी करीब 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। ऐसे में इन भावी कर्णधारों का स्वास्थ्य आगे चलकर कैसा होगा, इस बात की सहज कल्पना की जा सकती है।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | स्वास्थ्य क्यो है महत्वपूण | 8 |
2 | आयुर्वेदः स्वास्थ्य ज्ञान की भारतीय धरोहर | 6 |
3 | पोषण, स्वच्छता और स्वास्थ्य | 20 |
4 | रोगों की विविधता | 2 |
5 | सचांरी या सक्रांमक रोग | 46 |
6 | असंचारी रोग या जीवन शैली से जुड़े रोग | 31 |
7 | मानसिक रोग | 8 |
8 | पशुओं से होने वाले रोग | 13 |
9 | एनीमिया | 5 |
10 | आयोडीन की कमी | 3 |
11 | एलर्जी | 7 |
12 | कुपोषण | 4 |
13 | वृद्धावस्था से जडु रोग | 5 |
14 | मादक द्रव्य व्यसन | 7 |
15 | व्यायाम और फिटनेस | 7 |