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बीएससी प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए Read More
बीएससी प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए
Sr | Chapter Name | No Of Page |
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1 | ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: भारतीय गणित का विकास: प्राचीन और प्रारंभिक चिरप्रतिष्ठित काल (500 सीई) | 13 |
2 | उत्तरोत्तर अवकलन और लैबनीट्ज प्रमेय | 50 |
3 | मैक्लॉरिन एवं टेलर श्रेणी का प्रसार | 20 |
4 | आंशिक अवकलन एवं उच्च कोटि के आंशिक अवकलज | 19 |
5 | समघात फलनों के लिए आयलर का प्रमेय | 25 |
6 | अनन्तस्पर्शियाँ | 40 |
7 | वक्रता | 39 |
8 | अवतलता, उत्तलता एवं नति परिवर्तन | 11 |
9 | बहुल बिन्दु | 13 |
10 | वक्रों का अनुरेखण | 26 |
11 | अवीजीय फलनों का समाकलन | 47 |
12 | द्विश: एवं त्रि-समाकल | 33 |
13 | समानयन सूत्र | 32 |
14 | क्वाड्रेचर (क्षेत्रकलन) | 33 |
15 | लम्बाइयों को ज्ञात करना (चापकलन) | 14 |
16 | रैखिक समीकरण और रैखिक समीकरण के रूप में परिणत होने वाले समीकरण, यथावत समीकरण | 54 |
17 | प्रथम कोटि एवं उच्च घातों के अवकल समीकरण | 32 |
18 | ज्यामितीय अर्थ एवं लम्बकोणीय संछेदियाँ | 14 |
19 | अचर गुणांकों वाले रेखीय अवकल समीकरण | 66 |
20 | समघात रैखिक सामान्य अवकल समीकरण | 14 |
21 | द्वितीय कोटि के रैखिक अवकल समीकरण | 28 |
22 | प्राचल विधि | 28 |