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BHARTIYE GYAN PRAMPRA : DHARM DARSHAN
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BHARTIYE GYAN PRAMPRA : DHARM DARSHAN

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Author(s): ( JAGRAM SINGH )

Publisher: ( Pragati Prakashan )

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  • Books Details

    BHARTIYE GYAN PRAMPRA : DHARM DARSHAN

    मानव शास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने धर्म की व्याख्या सामाजिक संरचना के एक आवश्यक और महत्वपूर्ण तत्व के रूप में की है, जो मानव व्यवहार को निर्धारित करने के रूप में धर्म के कार्य का वर्णन करते हैैं। अलौकिक शक्ति और उसके समावेश के प्रकार के बारे में मनुष्य की धारणाओं को व्यक्त करने की विधि का नाम धर्म है। सामाजिक जीवन में धर्म की प्रमुख भूमिका है और उनके बौद्धिक, भावनात्मक और व्यावहारिक जीवन की सभी गतिविधियों को दृढ़ता से प्रभावित करने में इसका बहुत बड़ा योगदान है।

    ( JAGRAM SINGH )

    Category: General,Story Book
    ISBN: dharm-xc-xxx-xxx
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 भारतीय ज्ञान परंपरा : पर्यावरण दर्शन 6
    2 1. धृति (धैर्य) 13
    3 2. क्षमा (सहनशीलता) 6
    4 3. दमन (आत्मसंयम) 14
    5 4. अस्तेय (अपरिग्रह) 5
    6 5. शौच (पवित्रता) 6
    7 6. इन्द्रिय निग्रह (जितेन्द्रियता) 9
    8 7. धी (विवेक) 6
    9 8. विद्या (ज्ञान) 5
    10 9. सत्य (ईश्वर) 9
    11 10. अक्रोध (शांति) 4
    12 11. सिंहावलोकन 4
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