प्रेमचंद की रचनाओं में तत्कालीन इतिहास बोलता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में जन साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया। उनकी कृतियाँ भारत के सर्वाधिक विशाल और विस्तृत वर्ग की कृतियाँ हैं। अपनी कहानियों से प्रेमचंद मानव-स्वभाव की आधारभूत महत्ता पर बल देते हैं।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
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1 | 1. आत्माराम | 8 |
2 | 2. बडे घर की बेटी | 9 |
3 | 3. शंखनाद | 7 |
4 | 4. ववश्वास | 17 |
5 | 5. स्त्री और परुष | 6 |
6 | 6. उद्धार | 8 |
7 | 7. नैराश्य लीला | 12 |
8 | 8. कौशल | 5 |
9 | 9. एक आंच की कसर | 6 |
10 | 10. परीक्षा | 4 |
11 | 11. नैराश्य | 11 |
12 | 12. धिक्कार | 8 |
13 | 13. शद्रा | 17 |
14 | 14. अपनी करनी | 10 |
15 | 15. घमण्ड का पुतला | 8 |
16 | 16. शादी की वजह | 3 |
17 | 17. प्रेम- सूर | 15 |
18 | 18. तांर्ेवालने की बड | 15 |