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प्रेमचंद्र एक समग्र अवलोकन
Daisy on the Ohoopee

प्रेमचंद्र एक समग्र अवलोकन

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Author(s): ( .... )

Publisher: ( Jawahar Publishers And Distributors Pvt Ltd. )

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  • Books Details

    प्रेमचंद्र एक समग्र अवलोकन

    प्रेमचन्द पर हमलोगों जैसे अज्ञानी के लिए कुछ भी लिखना काफी कठिन है। वर्षों से इस कार्य हेतु साहस जुटाता रहा और अंत में कुछ लिख ही डाला। यह जैसा भी है, आपके सामने है। प्रेमचन्द को बार-बार पढ़ने के बाद एक बात साफ हो गयी - प्रेमचन्द एक महान गद्यकार के अतिरिक्त एक महान समाजशास्त्री भी थे। हमारे समाज की आंतरिक बुनावट को जितनी गहरायी से प्रेमचन्द ने समझा, शायद वह समझ आज भी किसी में नहीं है। साथ ही प्रेमचन्द के मन में समाज के प्रति काफी आदर है। वे आग्रही नहीं हैं। बस, जो देखा-समझा उसे अपने पाठकों के समक्ष परोस दिया। इसलिए, आलोचकों ने उन पर यथास्थितिवादी होने का आरोप भी लगाया है। हमलोगों की समझ से इस हेतु सहज मानवीय स्वभाव ही जिम्मेवार है, क्योंकि आलोचक स्व-निर्मित किसी खास 'फ्रेम' में किसी व्यक्ति अथवा कृति को रखकर देखता है। एक ही साथ किसी व्यक्ति को महान क्रांतिकारी, समाज सुधारक, कलाविद्, साहित्यकार. और न जाने क्या-क्या होने की उम्मीद कर बैठता है? जबकि प्रत्येक क्षेत्र की अपनी एक सीमा है। एक व्यक्ति सब कुछ नहीं हो सकता। लाज़िमी है कि प्रेमचन्द की भी एक सीमा थी और उससे इतर कुछ भी आशा करना सर्वथा नाइंसाफी है। प्रेमचन्द ने करने के लिए, सोचने के लिए एक मजबूत पृष्ठभूमि उपलब्ध करायी। यह इतना सटीक, सही और मार्मिक है कि पढ़ने के बाद आप शांत नहीं रह सकते। एक साहित्यकार के लिए इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है?

    ( संजय कुमार, मनोज कुमार )

    Category: Competitions
    ISBN: J-1041
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 1. प्रेमचन्द : अध्ययन से पूर्व 14
    2 2. उपन्यासकार प्रेमचन्द 28
    3 3. गोदान- एक आलोचनात्मक दृष्टि 72
    4 4. गोदान की व्याख्या 40
    5 5. कहानीकार प्रेमचन्द और उनका युग 15
    6 6. प्रेमचन्द साहित्य एक तुलनात्मक दृष्टि 50
    7 7. गोदान और भूमंडलीकरण 50
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