इतिहासाचार्य सर यदुनाथ सरकार कृत 'ए शार्ट हिस्ट्री ऑफ़ बोरंग- 'जेब' का यह संशोधित सक्षिप्त हिन्दी संस्करण हिन्दो संसारको भेट करते हुए हमें विशेष हर्षं होता है। औरगजेबको जोवनी तथा उसके शासन- कालके भारतीय इतिहासका सविस्तार अध्ययन करने में इस अस्सी-वर्षीय तपस्वीने पूरे पच्चीस वर्ष (१९००-१९२४ ई० ) तक अथक परिश्रम किया था । तदर्थं अत्यावश्यक आधार-ग्रन्थों तथा अन्य ऐतिहासिक सामग्रीको एकत्र करने में उन्होंने कोई बात नही उठा रखी थी। यही कारण था कि मोटी-मोटी पाँच जिल्दोंमें प्रकाशित उनका लिखा हुआ औरंगजेबका इति- हास तबसे ही एक प्रामाणिक इतिहास ग्रन्थ मान लिया गया है। इधर इन पिछले पच्चीस वर्षोंमें औरंगजेब या उसके शासन काल सम्बन्धी जो भी नई सामग्री यदा-कदा प्राप्त होती रही है उसका भी समुचित उपयोग कर वे समय-समयपर अपने ग्रन्थमें आवश्यक सुधार भी करते रहे है। पुनः इस हिन्दो संस्करणको तैयार करवाते समय उन्होंने आज तककी सारी पिछली सोजोका साराक्ष भी उसमे सम्मिलित कर उसे सर्वथा प्रामाणिक और आधुनिकतम बना दिया है। यो औरंगजेब सम्बन्धी उनको इन पिछले साठ वर्षोंकी समस्त सूक्ष्मतम खोजों, गहरे अध्ययन तथा गम्भीर चिन्तन- का परिणाम हमे इस हिन्दी ग्रन्थ-रत्नमे एकत्र देखनेको मिलता है !
Sr | Chapter Name | No Of Page |
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1 | भाग १, अध्याय १-आदि जीवन-काल : १६१८-१६५२ ई० | 23 |
2 | अध्याय २-दूसरी बार दक्षिणकी सूवेदारी (१६५२ - १६५८ ई० ) | 15 |
3 | अध्याय ३- शाहजहाँका बीमार पड़ना तथा उसके पुत्रोंका विद्रोह | 16 |
4 | भाग २, अध्याय ४ - सिहासन-प्राप्ति के लिए युद्ध, औरंगजेवको विजय | 18 |
5 | अध्याय ५-उत्तराधिकार प्राप्ति के लिए युद्ध, दारा और शुजाका अन्त | 22 |
6 | भाग ३, अध्याय ६ - राज्य-कालका पूर्वार्द्ध; उसकी रूपरेखा | 21 |
7 | अध्याय ७- सीमाओंपर युद्ध, आसाम और अफगानिस्तान | 23 |
8 | अध्याय ८-औरंगजेवकी धार्मिक नीति और उसके प्रति हिन्दुओंकी प्रतिक्रिया | 26 |
9 | अध्याय ९ - राजपूताने में युद्ध, अकबरका विद्रोह | 14 |
10 | भाग ४, अध्याय १०- मराठोंका उत्थान | 32 |
11 | अध्याय ११- शिवाजी ( १६७०-१६८० ) | 24 |
12 | अध्याय १२ - बीजापुरका पतन और उसका अन्त | 21 |
13 | अध्याय १३ - दाहीका पनन और अन्त | 8 |
14 | अध्याय १४- शम्भूजीका राज्य-काल; १६८०-१६८९ | 23 |
15 | भाग ५, अध्याय १५- सन् १७०० ई० तक मराठोके साथ सघर्ष | 30 |
16 | अध्याय १६ - औरगजेब के जीवन काल के अन्तिम वर्ष | 30 |
17 | अध्याय १७-उत्तरी भारतका विवरण | 22 |
18 | अध्याय १८ - औरगजेब के शासन कालमे कुछ प्रान्त | 22 |
19 | अध्याय १९ – औरंगजेब का चरित्र और उसके शासन कालका परिणाम | 35 |
20 | अध्याय २० - औरगजेबका साम्राज्य उसके साधन, व्यापार और उसकी शासन व्यवस्था | 35 |