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छठे खण्ड में हरिऔध जी की गद्य कृतियाँ संकलित हैं। ठेठ हिन्दी का ठाट (1899) अधखिला फूल (1908) उनकी औपन्यासिक कृतियाँ हैं । ठेठ हिन्दी का स्वरूप प्रस्तुत करने के उद्देश्य से लिखी कृतियों में जातीय कुलीनताजन्य सामाजिक कुरीतियों की की गयी है। उपन्यासों में जहाँ ठेठ हिन्दी का प्रयोग है वहीं मर्चेण्ट ऑफ वेनिस के अनुवाद वेनिस का बांका (1888) में संस्कृतनिष्ठ हिन्दी का प्रयोग किया गया है। अन्य रचनाओं में भी गद्य की विविध शैलियों के दर्शन होते हैं।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | अधखिला फूल | 142 |
2 | ठेठ हिन्दी की ठाठ | 46 |
3 | इतिवृत | 122 |
4 | वेनिस का बाँका | 120 |
5 | अभिभाषण | 120 |