डा़ अशोक शर्मा जी द्वारा लिखी पुस्तक हम स्वस्थ कैसे रहें’’ पढ़ने को मिली। हम प्रायः जीवनयापन में एक स्वतन्त्र दिनचर्या के आदि हो गए हैं। जब चाहा खाया यहां तक कि अण्डा-मांस-मदिरा-तम्बाकू आदि अभयक्ष्य पदार्थो का भी अधिकता से सेवन होने लगा है। परिणामतः शरीर अल्पायु में ही रोगी हो जाता है। उन रोगों को दूर करने के लिए प्रायः एलोपैथिक चिकित्सा चलती है जिसके कारण हम स्वस्थ होने के स्थान पर और रोगी हो जाते हैं। कई बार देखा गया कि एलोपैथी की अधिक औषधियों के सेवन से रोग ही असाध्य हो जाता है।
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1 | हम स्वस्थ कैसे रहें। | 6 |