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नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत निर्धारित पाठ्यक्रम में परिवर्तन की दृष्टि से नई पुस्तकों की मांग होना स्वाभाविक ही हैं। ललित कला विषयों में अध्यनरत छात्र छात्राओं को हिंदी माध्यम में लिखित पुस्तकों की उपलब्धता नगण्य है । अत: इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ही बी.ए. तृतीय वर्ष चित्रकला विषय के सेमेस्टर षष्ठम (Semester VI) के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम Indian Folk & Tribal Art विषय हेतु भारतीय लोक एवं आदिवासी कलाओं के विविध रूप शीर्षक से इस पुस्तक को लिखने का प्रयास किया गया है।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | खण्ड–अ : लोक कला के विविध रूप | 8 |
2 | 1- बिहार—(१) मधुबनी (२) कोहबर एवं सोहराई (३) मंजूषा | 16 |
3 | 2- ओड़िसा – पट्टचित्र | 6 |
4 | 3- तमिलनाडु - तंजौर कला | 5 |
5 | 4- आंध्र प्रदेश - कलमकारी | 4 |
6 | 5- उत्तर प्रदेश - सांझी कला | 5 |
7 | खण्ड-ब : आदिवासी कला के विविध रूप | 2 |
8 | 1- महाराष्ट्र - वारली कला | 6 |
9 | 2- ओड़िसा - सौरा कला | 3 |
10 | 3- मध्यप्रदेश - गौंड़ कला | 3 |
11 | 4- मध्यप्रदेश - पिथौरा कला | 3 |
12 | 5- मध्यभारत - गोदना कला | 4 |
13 | खण्ड–स : भू-अलंकरण के विविध रूप | 2 |
14 | 1- महाराष्ट्र – रंगोली | 6 |
15 | 2- गुजरात – साथिया | 2 |
16 | 3- उत्तर प्रदेश - चौक पूरना, सोना रखना | 5 |
17 | 4- राजस्थान – मंडाना | 4 |
18 | 5- पश्चिम बंगाल - अल्पना | 9 |
19 | 6- ओड़िसा - झोटी/चिता | 2 |
20 | 7- बिहार - अरिपन | 4 |
21 | 8- उत्तराखण्ड – ऐपण | 5 |
22 | प्रश्नावली | 12 |
23 | सन्दर्भ ग्रन्थ सूची | 12 |