मुझे वे बीस साल एक सपने-से लगते हैं। कभी खूबसूरत युवा और चमकीले उत्साह से भरा सपना और कभी दुःख और अपराधबोध की छाया-सा दुःस्वप्न। उस सपने की वुफछ छवियाँ, अब भी मेरे स्मृति में अंकित हैं। खंडवा में पड़ावा का घर, पुरानी अँग्रेजी टाइल्स से ढँकी छत जिसवेफ नीचे बड़े-बड़े कमरे, सामने एक बड़ा-सा वराण्डा, घर वेफ बीचों-बीच आँगन और उसमें तुलसी का पौधा, सामने एक खूबसूरत बगीचा और बगीचे में अमरूद वेफ पेड़, दरवाजे पर कनेर की बेल और बगीचे में मोगरे की क्यारियाँ, बगीचे वेफ बीचों-बीच लाल पत्थरों से बनी एक षट्कोणीय हौद और उसवेफ वेफन्द्र में पफव्वारा। घर वेफ एक पक्ष में अम्मा की रसोई, दादी का पूजाघर और सामने की ओर किताबों और कागजों से भरा दादा का पढ़ने का कमरा, उससे लगा हुआ दालान और दालान में रखीं दो
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1 | कहानी का रास्ता | 7 |