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भारत ने अन्तरिक्ष अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में अनु .... Read More
भारत ने अन्तरिक्ष अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में अनुपम प्रगति की है तथा यह प्रगति भारतीय अनुसंधान संगठन और अंतरिक्ष विभाग के इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की कड़ी लगन और मेहनत का परिणाम है। आज भारत अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उच्च बुलन्दियों को छू रहा है। चौथी पीढ़ी के इन्सेट उपग्रहों का प्रमोचन प्रारंभ हो चुका है, धुव्रीय प्रमोचन यान (पी एस एल वी) की अनेकों सफल उड़ानें सम्पन्न हो चुकी हैं तथा इस प्रमोचन यान ने व्यवसायिक सेवाएॅ प्रारंभ कर दी है और इसके द्वारा भारत के अलावा अन्य देशों जैसे इन्डोनिशिया, अर्जेन्टाइना, बेल्जियम, जर्मनी इत्यादि के उपग्रह भी अन्तरिक्ष में प्रमोचित किये जा चुके हैं। भारत के सबसे शक्तिशाली प्रमोचन यान भूस्थिर उपग्रह प्रमोचन यान (जी एस एल वी) की कई सफल उड़ानें सम्पन्न हो चुकी हैं। सुदूर संवेदन के क्षेत्र में अनेक उपग्रह प्रमोचित किये जा चुके हैं तथा हाल में प्रमोचित उपग्रह कार्टोसैट-2 ए था। चन्द्रयान-1 अन्तरिक्ष मिशन का प्रमोचन सफलतापूर्वक किया जा चुका है। भारत ने अन्तरिक्ष तकनीकी को देश के अन्दर उपलब्ध संसाधनों से विकसित करके उसे सफलता पूर्वक जन कल्याण कार्यो के लिये उपयोग में लाया है। इन जन कल्याण कार्यों में शामिल हैं -शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, संचार इत्यादि के क्षेत्र।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | 1. भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रमों का प्रारंभ | 13 |
2 | भारत के इन्सैट तंत्र के उपग्रह | 14 |
3 | भारत के सुदूर संवेदन उपग्रह | 12 |
4 | भारत में सम्पन्न विश्व का सबसे विशाल जन संचार परीक्षण-साईट | 9 |
5 | भारत के अंतरिक्ष प्रमोचन यान | 12 |
6 | भारत का प्रथम चन्द्र मिशन ”चन्द्रयान- | 17 |
7 | भारत का नेविगेशन तंत्र | 14 |
8 | भारतीय उपग्रह ”एडूसैट“ के द्वारा | 12 |
9 | टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में भारत की प्रगति | 9 |
10 | भारत में उपग्रह आधारित खोज एवं बचाव सेवा | 9 |