मध्यप्रदेश का प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक सम्पदा से सम्पन्न राज्यों की बिरादरी में स्थान है। भौगोलिक रूप से देश के बीचों-बीच स्थित होने के कारण मध्यप्रदेश को भारत का ‘हृदय प्रदेश’ भी कहा जाता है। जैव विविधता की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश अति समृद्ध और बेजोड़ प्रदेश है। 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश की जनसंख्या 7ए26ए26ए809 करोड़ है। मध्यप्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्रदेश है, जो उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। यहां तीन-चौथाई से अधिक आबादी गांवों में रहती है। वास्तव में यह कृषि प्रधान प्रदेश है। मध्यप्रदेश की स्थापना एक नवम्बर 1956 को हुई और 58 वर्षों की यात्रा पूरी करते हुए अपनी हीरक जयंती मनाने की दहलीज तक पहुंच चुका है। मध्यप्रदेश का पुनर्गठन जिन कुछ राज्यों या रियासतों को मिलाकर किया गया है, उनमें भोपाल रियासत, मालवा, विंध्य, महाकौशल, बुंदेलखण्ड और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। आगे चलकर वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश से पृथक होकर नया राज्य बना। पुनर्गठित मध्यप्रदेश में जिन ऐतिहासिक स्थलों को सम्मिलित किया गया है, उनमें भोपाल, उज्जैन, धार, इंदौर, ग्वालियर, खजुराहो, चंदेरी, विदिशा,
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1 | मध्यप्रदेषः विज्ञान संचार परिदृष्य | 8 |
2 | विज्ञान संचार की आवष्यकता और उद्देष्य | 5 |
3 | स्वि च्छक सस्ं थाये आरै विज्ञान सचांर | 7 |
4 | पत्र-पत्रिकाओ से बढा़ विज्ञान सचांर का ग्राफ | 13 |
5 | मध्यप्रदेष के विष्वविद्यालयों की विज्ञान संचार में भूमिका | 5 |
6 | रेडियो प्रसारण और विज्ञान संचार | 6 |
7 | तारामडं लो ंके जरिये विज्ञान सचांर | 6 |
8 | राज्यां मे विज्ञान सचांर की लबीं होती लकीर | 10 |
9 | पर्व, मेले और विज्ञान लोकप्रियकरण | 6 |
10 | मध्यप्रदेष में विज्ञान समाचारपत्रों की आवष्यकता क्यों ? | 5 |
11 | विज्ञान संचार यात्रा के गौरवषाली तथ्य | 14 |
12 | मध्यप्रदेष के विज्ञान सचांरक | 14 |