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सन् 1676 में एक डच व्यापारी एन्टोनीवान ल्यूवेनहॉक ने रॉयल स .... Read More
सन् 1676 में एक डच व्यापारी एन्टोनीवान ल्यूवेनहॉक ने रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने कुछ छोटे, नग्न आँखों से दिखाई न देने वाले जीवों के समुदाय को एक सरल सूक्ष्मदर्शी से देखा है। उनकी इस रिपोर्ट ने विज्ञान का एक नया विषय विकसित किया जिसे आज सूक्ष्मजीव विज्ञान कहा जाता है। परन्तु इस विज्ञान को रफ्तार लुई पाश्चर (1822-1895) एवं राबर्ट कॉक (1843-1910) के कार्यों के पश्चात् मिली जिन्होंने पहली बार सूक्ष्मजीवों के अस्तित्व को सिद्ध किया। सूक्ष्मजीवों का अध्ययन क्यों ? इन जीवों में अत्यधिक विविधता है। इन जीवों का अन्य जीवों पर व्सन् 1676 में एक डच व्यापारी एन्टोनीवान ल्यूवेनहॉक ने रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने कुछ छोटे, नग्न आँखों से दिखाई न देने वाले जीवों के समुदाय को एक सरल सूक्ष्मदर्शी से देखा है। उनकी इस रिपोर्ट ने विज्ञान का एक नया विषय विकसित किया जिसे आज सूक्ष्मजीव विज्ञान कहा जाता है। परन्तु इस विज्ञान को रफ्तार लुई पाश्चर (1822-1895) एवं राबर्ट कॉक (1843-1910) के कार्यों के पश्चात् मिली जिन्होंने पहली बार सूक्ष्मजीवों के अस्तित्व को सिद्ध किया। सूक्ष्मजीवों का अध्ययन क्यों ? इन जीवों में अत्यधिक विविधता है। इन जीवों का अन्य जीवों पर व्यापक प्रभाव है। ये जीव पर्यावरण पर नियंत्रण रखते हैं। ये जीव बहुत से खाद्य पदार्थो के निर्माण के लिए आवश्यक है, एवं बहुत सारी जैव क्रियाओं को समझने के लिये प्रायोगिक प्रदर्श हैं।यापक प्रभाव है। ये जीव पर्यावरण पर नियंत्रण रखते हैं। ये जीव बहुत से खाद्य पदार्थो के निर्माण के लिए आवश्यक है, एवं बहुत सारी जैव क्रियाओं को समझने के लिये प्रायोगिक प्रदर्श हैं।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
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1 | सूक्ष्मजीव विज्ञान : एक परिचय | 9 |
2 | सूक्ष्मजीवों का इतिहास | 43 |
3 | सूक्ष्मदर्शी | 17 |
4 | जीवाणु | 26 |
5 | विषाणु | 21 |
6 | सायनोबैक्टीरिया | 10 |
7 | मायकोप्लाज्मा | 6 |
8 | एक्टीनोमाइसिटीज | 3 |
9 | रिकेट्सिया और क्लेमाइडिया | 20 |
10 | शैवाल | 18 |
11 | प्रोटोजोआ | 11 |
12 | सूक्ष्मजीवों का नियंत्रण | 11 |