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बायोइन्फार्मेटिक्स
Daisy on the Ohoopee
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बायोइन्फार्मेटिक्स

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Author(s): ( अर्चना पाण्डेय )

Publisher: ( AISECT Publication, Bhopal )

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  • Books Details

    बायोइन्फार्मेटिक्स

    बायोइन्फार्मेटिक्स विज्ञान की एक नयी शाखा है जो ज्ञान- विज्ञान को एक नयी दिषा प्रदान करती है। सर्वप्रथम पॉलिन हॉगवेग (च्ंनसपमद भ्नहमूंल) एवं बेन हेसपर (ठमद भ्ेचमत) ने 1970 में बायोइन्फार्मेटिक्स शब्द का प्रयोग किया। उनके अनुसार ‘‘जैविक तंत्र में सूचना विज्ञान प्रक्रमों का अध्ययन ही बायोइन्फार्मेटिक्स कहलाता है।’’ पॉलिन हॉगवेग डच वैज्ञानिक हैं। मूलतः यह जीवविज्ञानी हैं व इनका शोधकार्य ऐसे जैविक तंत्रों का अध्ययन करना है जो परिवर्तनात्मक होने के साथ-साथ कई अन्य तंत्रों से अन्तः सम्बन्ध रखते हैं। वास्तव में ‘‘जीवविज्ञान व सूचना प्रौद्योगिकी का सहजीवी सम्बन्ध ;ैलउइपवजपब तमसंजपवदेपचद्ध ही बायोइन्फार्मेटिक्स कहलाता है।श्श् बायोइन्फार्मेटिक्स के इतिहास की ओर यदि दृष्टि डाली जाये तो पता लगता है कि इसका आरम्भ 1968 में मार्गरेट डेहॉफ ;डंतहंतमज क्ंलीविद्धि द्वारा हुआ जिन्होंने प्रोटीन अनुक्रमों के आंकड़े एकत्र किये और उसे ‘‘प्रोटीन अनुक्रम व संरचना का एटलस’’ कहा। बायोइन्फार्मेटिक्स का प्रयोग अधिकतर बहुत बड़े आंकड़ों का प्रबन्धन करने में होता है। जीनोमिकी तथा प्रोटियोमिकी का अध्ययन बायोइन्फार्मेटिक्स की सहायता के बिना मुष्किल है।

    ( अर्चना पाण्डेय )

    Category: Higher Education,General
    ISBN: APB-651
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 बायाइे न्फार्मेटिक्स - एक परिचय 4
    2 कम्प्यूटर 14
    3 जैविक डाटाबेस 16
    4 जीनोमिकी 20
    5 प्रोटियोमिकी 22
    6 अनुक्रमों का एकरेखण 10
    7 मानव जीनोम 11
    8 बायोइन्फार्मेटिक्स एवं कृषीय फसलें 10
    9 बायाइे न्फार्मेटिक्स के उपयोग 10
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