लेसर बीसवीं सदी का एक अति महत्वपूर्ण आविष्कार है जिसने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रातिकारी परिवर्तन के द्वार खोल दिये हैं। आज जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में लेसर का उपयोग किया जा रहा है। इसकी मदद से आज ऐसे काम अंजाम दिए जा रहे हैं जो कभी असंभव जान पड़ते थे। खाद्य पदार्थों और उपभोक्ता उत्पादों के पैकेटों पर बने बार कोड्स की स्कैनिंग या सीडी और डीवीडी पर अंकित चित्रों और भंडारित ध्वनियों की ऑडियो/वीडियो रिकार्डिंग करने तथा उन्हें प्ले करने के लिए लेसर लाइट की ही मदद ली जाती है। क्रेडिट/डेबिट कार्डों, पुस्तकों, मोबाइल फोन की बैटरियों आदि पर सुरक्षा की दृष्टि से लगे होलोग्राम स्टीकरों की रिकार्डिंग होलोग्राफी तकनीक द्वारा की जाती है जिसमें लेसर का प्रयोग होता है। लेसर प्रिंटर डेटा एवं सूचनाओं को अधिक तीव्रता एवं असाधारण मुद्रण गुणवत्ता के साथ मुद्रित करने में सक्षम है। लेसर का और भी अनेक क्षेत्रों, जैसे संचार, उद्योग, चिकित्सा विज्ञान, रक्षा विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान आदि में उपयोग किया जाता है। सचमुच लेसर ने हमारी जिंदगी को नाटकीय रूप से बदल डाला है। अमेरिका की कैलिफोर्निया स्थित हृयूग्स रिसर्च लेबोरेटरी में कार्यरत थियोडोर हेरॉल्ड मैमन को 16 मई 1960 को पहले लेसर का विकास करने में सफलता मिली। इसके लिये मैमन ने रूबी क्रिस्टल की एक बेलनाकार
Sr | Chapter Name | No Of Page |
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1 | पहले मेसर, फिर लेसर का आविष्कार | 9 |
2 | लेसर क्रिया का सिद्वांत | 7 |
3 | विभिन्न प्रकार के लेसर | 17 |
4 | त्रिविमीय फोटागे यानी होलागे | 12 |
5 | चिकित्सा विज्ञान मेंलेसर | 14 |
6 | उद्योगो मे लसे र के अनुप्रयोग | 11 |
7 | रक्षा अनुप्रयागे मेंलेसर | 8 |
8 | लेसर : विविध अनपु ्योग | 22 |
9 | लेसर लाइट के प्रयोग सेजुडी़ कुछ सावधानियाँ | 22 |