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सर्वषास्त्र षिरोमणि गणित
Daisy on the Ohoopee
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सर्वषास्त्र षिरोमणि गणित

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Author(s): ( .... )

Publisher: ( AISECT Publication, Bhopal )

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  • Books Details

    सर्वषास्त्र षिरोमणि गणित

    सर्वशास्त्र शिरोमणि गणित आदि को ज्ञात करने) में, सभी जगह गणित प्रयोग किया जाता है। द्वीपों, समद्रुें और पवर्तां की संख्या, व्यास, परिधि, लाके (संसार), अतं र्लाके (संसार की अन्य स्थितियों), ज्योतिर्लोक (जहाँ प्रकाश फैला है या प्रकाश का कारण व व्यवहार है), स्वर्ग और नरक के रहने वाले सभी के भवनों, सभा के लिए बने भवनों (हाल), गुम्बदाकार मंदिरां के प्रमाण (विस्तार, माप, विधि) अन्य प्रमाण गणित की ही सहायता से जाने जाते हं।ै वहाँ (संसार में) पर प्राणियों के संस्थान (रहने और पालने से सम्बन्धित), उनके आयु और आठ गुण इत्यादि, यात्रा आदि तथा संहिता (ज्योतिष के ग्रंथ) आदि से सम्बन्धित विषय, सभी गणित पर निभर्र हैं।.......सम्पूर्ण चर और अचर (गति वाले और स्थिर) त्रिलोक में जो कुछ भी है, उसका अस्तित्व (बोध) गणित के बिना सम्भव नहीं हो सकता।’’ महान दार्शनिक एवं वैज्ञानिक गैलीलियो ने भी कहा था- ‘‘गणित ही वह भाषा है जिसमें ईश्वर ने विविधतापूर्ण सृष्टि रची जो युगां-े युगों से सहज चलती आ रही है।’’ महावीर आचार्य अपने समय के अति प्रसिद्ध गणितज्ञ थ।े उन्हांने गणित के विषय में जो कुछ भी उस समय कहा था वह बहुत बड़ा सत्य था, किन्तु उस समय की अपेक्षा आज की डिजिटल दि नया में गणित का प्रयागे हर तरफ बहुत अधिक बढ़ गया है। विज्ञान की कोई भी एसे शाखा नहीं है जिसमें गणित का उपयागे न हो। अतः गणित की जानकारी और अध्ययन, हर काल की अपेक्षा, आज और भी अधिक आवश्यक है तथा इस वैज्ञानिक और तकनीकी युग में गणित के अध्ययन की उपेक्षा हानिकर और घातक भी है। गणित का आरम्भ : संख्या-बुद्धि और गणन-बुद्धि रू गणित वह शास्त्र है जिसमें मुख्य रूप से गणना की जाती है। यह शब्द बहुत प्राचीन है और वैदिक साहित्य से ही प्राप्त होता है। प्राचीन भारत में गिनने और गिनती के लिए ‘‘गणन’’ शब्द का प्रयोग होता था, इससे ही ‘‘गणित’’ शब्द बना। ‘‘गणित’’ शब्द का मूल अथ र् है- ‘‘गिना हअु’’। किन्तु आज गणित एक विषय के रूप में जाना जाता है और अपने प्राचीन रूप की अपेक्षा

    ( डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र )

    Category: Higher Education,General
    ISBN: APB-658
    Sr Chapter Name No Of Page
    1 अंक.अंकगणित.आदिगणित 26
    2 लोकोपयोग में आवश्यक गणित और प्रस्तुति-योजना 3
    3 अकं गणित की लाकेपे याे गता 27
    4 बीजगणित-कुट्टक गणित आरै लोकापे योग 24
    5 समच् चय आरै उसकी लाकेपे याे गता 37
    6 गणित अन्य शास्त्रों में 13
    7 उपयागे गणित-विविधा 17
    8 गणित के महान मनीषी 17
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