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आठवें खण्ड में हरिऔध जी की व्यावहारिक आलोचना से सम्बन्धि .... Read More
आठवें खण्ड में हरिऔध जी की व्यावहारिक आलोचना से सम्बन्धित रचनाएँ संकलित हैं। साहित्यिक दायरे में कबीर पर विचार करने का पहला प्रयास होने के नाते कबीर वचनावली की विशेष महत्त्व की है। रस साहित्य और समीक्षाएँ, सन्दर्भ सर्वस्व तथा फुटकर लेखों में हरिऔध की आलोचनात्मक मान्यताओं के विविध आयाम प्रत्यक्ष हुए हैं।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
---|---|---|
1 | कबीर वचनावली | 192 |
2 | रस साहित्य और समीक्षाएँ | 158 |
3 | संदर्भ-सर्वस्व | 166 |
4 | विविध | 166 |