भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन में अनगिनत शख्सियतों ने योगदान दिया है जिनमें से कुछ विमर्श के केन्द्र में आ गये तो कुछ ने नेपथ्य में रहकर काम किया और बाद को लगभग विस्मृति के शिकार हो गए। उनके कृतित्व पर प्रायः लोगों की दृश्टि नहीं जाती और न ही कहीं उन पर किसी तरह का संवाद होता है। यद्यपि इन क्रांतिकारियों का योगदान किसी तरीके से कमतर नहीं आंका जा सकता क्योंकि इन सबके संयुक्त प्रयास से ही सम्पूर्ण क्रांतिकारी आन्दोलन की एक समग्र तस्वीर निर्मित होती है। क्रांतिकारियों के दीर्घ संघर्श और लक्ष्य तथा विचार के इर्द-गिर्द भारतीय विप्लवी आंदोलन के इतिहास को सुपरिचित लेखक सुधीर विद्यार्थी ने अनेक जाने-माने और अनाम क्रांतिकारियों के व्यक्तित्व, कृतित्व और लगभग भुला दिए गए अतीत के प्रसंगों को अपने ढंग से रेखांकित और पुनर्परिभाशित करके हमारे सम्मुख लाने का प्रयास किया है जो इस संग्राम की अनेक टूटी कड़ियों को जोड़ने का सुचिंतित उद्योग भी है। इस पुस्तक में विख्यात और कम ख्यात क्रांतिकारियों ने अपने अभियान के लिए जिन जगहों पर सघनता और सुसंगठित तरीके से अतुलनीय कार्य किया, उनकी खोजबीन और उस ज़मीन पर उनके क्रांतिकारी निशानों की शिनाख्त के साथ-साथ ऐसे क्रांतिकारियों के स्थलों के ऐतिहासिक महत्व का भी मूल्यांकन किया गया है जो कि अल्पज्ञात हैं अथवा उनका कोई नामलेवा नहीं है।
Sr | Chapter Name | No Of Page |
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1 | 1. हुगली नदी के किनारे रासबिहारी बोस का घर | 3 |
2 | 2. दिल्ली वाले लाला हरदयाल का नाम नहीं जानते | 3 |
3 | 3. मोकामा के इतिहास में चाकी कहीं नहीं हैं | 3 |
4 | 4. पंडित सुन्दरलाल मार्ग की धुंधली इबारत | 3 |
5 | 5. देशभक्त सूफी अम्बाप्रसाद की कब्र ईरान में | 3 |
6 | 6. खामोश चर्च में इतिहास की घंटियां | 4 |
7 | 7. बिस्मिल की मां, पिता और वह घर | 3 |
8 | 8. क्या आप ‘भारतवीर’ मुकुन्दीलाल को जानते हैं | 3 |
9 | 9. राठ, झांसी और सिकरौधा का यादनामा | 3 |
10 | 10. वह एक पतली सड़क उन्नाव से मोहान जाती है | 4 |
11 | 11. बल्लीमारान की बस्ती में सुशीला दीदी की यादें | 3 |
12 | 12. राजा महेन्द्रप्रताप का ‘प्रेम केन्द्र’ बहुत खामोश है | 3 |
13 | 13. हरि की पैड़ी के शहर में शहीद जगदीश वत्स की शहादत | 3 |
14 | 14. आज भी कैद में हैं खुदीराम बोस | 3 |
15 | 15. पटना शहर में ‘बटुकेश्वर दत्त लेन’ | 3 |
16 | 16. खीरी में अभी ज़िंदा है बयालिस की हुंकार | 3 |
17 | 17. यह विद्यालय अब दुर्गा भाभी का स्मारक है | 3 |
18 | 18. सदाशिव राव मलकापुरकर के घर की खामोश खिड़कियां | 3 |
19 | 19. डा. गयाप्रसाद के गांव में एक दिन | 3 |
20 | 20. पुराना टकसाल अब ‘मास्टर रुद्रनारायण मुहल्ला’ है | 3 |
21 | 21. बहुत उदास है यतीन्द्रनाथ दास का घर | 3 |
22 | 22. शाहपुर की धरती पर बारहठ परिवार का यादनामा | 3 |
23 | 23. चौदह साल की उम्र में लिखी क्रांति की कथा | 3 |
24 | 24. हिन्दू कालेज और अध्यापक नन्दकिशोर निगम | 3 |
25 | 25. बंगाल में हर कदम पर हैं देशबन्धु चितरंजन दास | 3 |
26 | 26. भगतसिंह, मां विद्यावती और बहन अमर कौर का यादघर | 3 |
27 | 27. चलो-चलो यारो, रिंग थियेटर दिखाएं तुमको | 3 |
28 | 28. मणीन्द्र बनर्जी के मूक बलिदान की साक्षी गंगा की लहरें | 3 |
29 | 29. जनमानस में बसे हैं पहाड़ के चन्द्रसिंह गढ़वाली | 3 |
30 | 30. नेताजी को काबुल पहुंचाने वाले भगतराम तलवार की रिहायश | 3 |
31 | 31. ध्वस्त हो चुकी है राधामोहन गोकुल की समाधि | 3 |
32 | 32. यहां सत्तावनी क्रांति के शहीद का सिर दफ्न है | 3 |
33 | 33. माल रोड का ‘मार्कण्डेय भवन’ और राजकुमार सिन्हा | 3 |
34 | 34. क्रांतिकारी विश्वनाथ वैशम्पायन का घर पूरा देश था | 3 |
35 | 35. इस घर में महफूज हैं भगतसिंह की घड़ी और जूते | 3 |
36 | 36. कम उम्र के होते फांसी से बचे थे मन्मथनाथ गुप्त | 3 |
37 | 37. लखनऊ की सरज़मीं पर दर्ज क्रांति का हलफनामा | 3 |
38 | 38. स्वेच्छा से अंदमान गए थे विश्णु शरण दुबलिश | 3 |
39 | 39. शहीदे-वतन के मज़ार पर फूलों की कैफियत | 3 |
40 | 40. शहीद रोशनसिंह के गांव का बेचैनी भरा रास्ता | 3 |
41 | 41. बांस बरेली के सरदार की गुम होती निशानियां | 3 |
42 | 42. दक्षिण में क्रांति की अलख जगाने पहुंचे शम्भूनाथ आज़ाद | 3 |